महिला वोटर : बिहार चुनाव 2025

बिहार की सियासत में महिला वोटर, अब एक शांत क्रांति बन चुकी। महिलाए अपने गृहस्थ जीवन ही नहीं, बल्कि वोटिंग बूथ पर चुनाव का रुख तय कर रही हैं।
बिहार के 2025 के चुनाव में महिला मतदाता अहम निर्णय लेने की क्षमता रखती है, अब सवाल यह है कि वह किस और अपना मतदान करेगी?
क्या उज्ज्वला योजना से बिहार में बीजेपी पलटेगी खेल?
महिला वोटर्स-संख्या और बढ़ती ताकत
राज्य में संख्या मैं महिला पुरुष लगभग बराबर है, और कई जिलों ज्यादा हैं।
पिछले चुनाव में महिलाओं की वोटिंग लगभग पुरुषों से ज्यादा थी (59.7% महिला – 54.7% पुरुष)
कई विधानसभा जैसे कटिहार, मधेपुरा, नवादा, और गोपालगंज में महिला वोट का काफी असर पड़ा और फैसले निर्णायक रहे।
आंकड़े बताते हैं:
“बिहार में कुल 7.2 करोड़ वोटर हैं, जिनमें करीब 3.6 करोड़ महिलाएं हैं।”
यह वोटिंग के आंकड़े बताते हैं कि महिला वर्ग अगर एकतरफा वोटिंग करें तो सरकार उठा और गिरा सकती है।
क्या है बिहार का जातिय समीकरण?
नीतीश कुमार की महिला नीति
नीतीश कुमार का महिला कार्ड सबसे मजबूत रहा है।
प्रमुख कदम:
पंचायत चुनाव और नगर निकायों में महिलाओं को 50% उम्मीदवार बनाया गया।
साइकिल योजना — ‘मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना’ बच्चियां या प्रभावित हुई
मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना — सरकार द्वारा बच्चियों के जन्म से ग्रेजुएशन की पढ़ाई तक आर्थिक मदद।
हर बार नीतीश कुमार को महिला वर्ग का समर्थन मिलता आया है, लेकिन क्या यह बरकरार रहेगा?
तेजस्वी यादव और युवा महिलाएं
तेजस्वी यादव ने बेरोजगार युवाओं को नौकरी के वादे पर महिलाओं से अपील की।
वादे और योजनाएं:
10 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा।
महिलाओं के लिए स्पेशल स्कीम्स — जिसमें महिलाएं खुद अपना रोजगार चला सकती हैं, जिसकी सब्सिडी मिलेगी।
तेजस्वी की नौकरी और रोजगार का मुद्दा काफी बदलाव ला सकता है।
तेजस्वी यादव को पढ़ने वाली छात्राएं और युवतियों का साथ मिल सकता है, लेकिन यहां वोट का बदलाव तय करेगा।
महिला सुरक्षा एजेंडा
बीजेपी सरकार ने महिलाओं के लिए सुरक्षा और सशक्तिकरण को अपना बड़ा एजेंडा बनाया है।
- उज्जवला योजना – करोड़ों महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन मिला, जिससे धुएं से राहत मिली।
- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ – लड़कियों की शिक्षा और लिंगानुपात सुधार पर जोर।
- महिला सुरक्षा – हेल्पलाइन नंबर (112, 181), फास्ट ट्रैक कोर्ट, और निगरानी व्यवस्था।
सच्चाई:
योजनाएं अच्छी हैं, कई महिलाओं को फायदा भी मिला, लेकिन गांव-देहात में अब भी पूरी तरह असर नहीं दिखा।
2025 में महिलाएं सिर्फ वोटर नहीं, चुनाव की निर्णायक शक्ति होंगी।
भाजपा महिला सुरक्षा को अपना बेस वोट मान रही है, लेकिन क्या यह संभव?
सोशल मीडिया पर महिलाओं की सक्रियता
यह हार गया 2025 का चुनाव डिजिटल तरीके से होगा।
महिलाओं ने ट्विटर फेसबुक और व्हाट्सएप पर अपनी बात रखी।
कुछ जागरूक युवतियों ने रेल बनाकर नेताओं से सवाल भी पूछे।
लोक नीति और रिपोर्ट बताती हैं की महिला किसी लोभ लालच में आकर नहीं, बल्कि अपने भविष्य को देखकर वोट देती है।
एक डिजिटल सर्वे में पाया गया कि:
“महिलाओं की प्राथमिकता:
- नौकरी
- सुरक्षा
- महंगाई
- शिक्षा”
महिला वोटर्स से तय होगा बिहार का भविष्य
बिहार के चुनाव में महिला वोटर का सरकार बनाने में अहम योगदान होगा।
हार जीत का अंतर महिलाएं वोट किस और देती है, इन बातों से तैयार होगा
सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन ले रहा है?
रोजगार और शिक्षा देने में कौन सक्षम होगा?
महंगाई को कंट्रोल में कौन ला सकता है?
और जातीय समीकरणों में उनकी भूमिका क्या है?
इस बार का नारा है — “महिला का मन, बनाएगा सरकार!”
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