Ukraine Russia युद्ध: तबाही की कहानी

रूस -यूक्रेन के बीच तनाव बरसों से चला रहा है, जिसने 2022 के बाद बड़ा रूप ले लिया है। हाल ही में रूस ने यूक्रेन में तहलका मचा जो पूरी दुनिया में चर्चा का विषय हो गया है।
रूस यूक्रेन युद्ध का कारण
यूक्रेन की जनसंख्या केवल 3.5 करोड़ के लगभग है, यूक्रेन खुद को विश्व में महाशक्ति के रूप में देखना चाहता है। जिसमें:
- व्यापार
- आर्थिक बाधाओं का सुधार
- साइबर सुरक्षा
- तकनीक
विश्व स्तर पर महारथ हासिल करना जाता है। यूरोप अमेरिका और नाटो जैसे देश के साथ जोड़कर आगे बढ़ना चाहता है।
रूस अपने आप को खतरे में देखता है, और यूक्रेन को किसी भी हालत में अपने सीमा क्षेत्र से आगे बढ़ने से रोकता है।

जंग की शुरुआत
1991 में सोवियत से अलग होकर यूक्रेन एक अलग देश बना जो रूस के लिए नहीं चुनौती थी। दोनों के बीच तनाव बढ़ता गया।
पहला युद्ध
2014 में रूस ने यूक्रेन से क्रीमिया क्षेत्र को जबरदस्ती छीन लिया। रूस दुनिया को दिखाना चाहता था कि वह पड़ोसी देशों को अपने नियंत्रण में रख सकता है।
यूक्रेन को पश्चिमी देशों का समर्थन
रूस-यूक्रेन के तनाव के बाद पश्चिमी देश,जैसे अमेरिका यूरोप और नाटो द्वारा यूक्रेन को:
- आर्थिक मदद
- मिलिट्री ट्रेनिंग
- हथियार
- इंटेलीजेंस मदद की
यह रूस के लिए चुनौती बनी और क्षेत्र में सुरक्षा बल बढ़ाना पड़ा।
व्यापार पर प्रतिबंध
यूरोप और अमेरिका ने रूस से व्यापार पर रोक लगा दी जैसे:
- तेल खरीदने और बेचने पर प्रतिबंध
- तकनीकी कंपनियों पर पूरी तरह रोक
रूस की अर्थव्यवस्था पर भारी गिरावट आई और बाद में रूस ने भारत और चीन से व्यापार के लिए हाथ बढ़ाया।

ऑपरेशन स्पाइडर
यूक्रेन की पश्चिनी देशों से दोस्ती, रूस के लिए संकट होने का शक था, की उनपर हमला हो सकता है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर बड़ा हमला कर दिया।
- यूक्रेन के बड़े शहरों पर मिसाइल और बम गिराए
- हजारों लोग मारे गए।
- लाखों लोग बेघर हुए।
इस घटना होने का यूक्रेन को कोई अंदाजा नहीं था।

आज की स्थिति: 2025
2025 में युद्ध फिर से उग्र हो गया है।हाल ही में, रूस ने खार्कीव शहर पर ड्रोन और मिसाइल से हमला किया। इसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो गई।जवाब में, यूक्रेन ने रूस के 5 ठिकानों पर ड्रोन से हमला किया। यूक्रेन ने रूस के बेलगोरेड क्षेत्र में घुसकर हमला किया, जिससे टकराव और तेज हो गया है।अब यह युद्ध किसी भी तरह रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
मानव की बरबादी
दो देशों के बीच के युद्ध में मानवीय नुकसान;
- कई मासूमों की जान जाना।
- आर्थिक तबाही से देश की बरबादी
- लाखों बेघरों का विस्थापित होकर भटकना।
जैसे कई विनाश है, युद्ध समाधान नहीं होता, समझौते ओर ही हल है।
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