BJP JDU गठबंधन 2025

Bihar Election 2025: बिहार की सियासत में BJP JDU गठबंधन होना कोई नई बात नहीं है, पर मोदी और नीतीश कुमार का गठबंधन देश में चर्चित रहा है।
कभी दोनों के बीच ठीक चलता है तो कभी नीतीश द्वार मजबूरन पाला बदल दिया जाता है। ठीक उसी तरह लोगों में सवाल है कि यह गंठबंधन बिहार के लिए मजबूत विकल्प है या परिस्थितियों की मजबूरी।
NDA बनाम INDIA कौन किस पर भारी?
गठबंधन का दौर
2005-2013
- बिहार में एक मजबूत नीतीश – भाजपा की जुगलबंदी की एक ताकतवर सरकार जिसका राज्य में वर्चस्व और दबदबा था।
2013
- NDA से अलग होते हुए नीतीश ने भाजपा से गठबंधन तोड़ा और अलग रास्ता चुना।
2017
- RJD से रिश्तों में खटास और भ्रष्टाचार के मुद्दों से नाराज़ होकर फिर एक बार पलटी मारते हुए भाजपा और NDA का दामन थामा।
2022
- नीतीश ने फिर से एक बार पाला बदलते हुए INDIA गंठबंधन से रिश्ता जोड़ते हुए सरकार बनाई।
2025
- एक बार फिर से कयास लगाए जा रहे है कि बीजेपी और जेडीयू फिर मंच पर साथ दिखेंगे लेकिन इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं।
मजबूत जुगलबंदी
- सवर्ण+कुर्मी+अति पिछड़े का तबका NDA का बेस वोट और मजबूत समीकरण
- पीएम मोदी की लोकप्रियता और नीतीश की पकड़ का काफी असर।
- जनकल्याणकारी योजनाओं की रिब्रांडिंग।
- सरकार और लंबा प्रशासनिक अनुभव।
- RJD की कमजोर नस दबाते हुए उनका हर बार समीकरण बिगाड़ना।
मजबूरी के कयास
- नीतीश में पुरानी ऊर्जा की कमी के कारण युवाओं ओर शहरी लोकप्रियता और पकड़ कमजोर।
- बीजेपी के पास एक मजबूत विकल्प नहीं जो बिहार में बढ़त दिलाए, इस कारण आत्मविश्वास नहीं।
- नीतीश का एक जगह टिके रहना नामुमकिन, भरोसा करना थोड़ा मुश्किल।
- नीतीश से दलित तबका और चिराग पासवान दूरी बनाए हुए जो इलाकाई सीटों में मदद दिला सकता है।
- जेडीयू और बीजेपी की सीट शेयरिंग के वक्त दोनों गुटों के बीच भारी तकरार।
मजबूती – मोदी का नाम और संघ की मशीनरी नीतीश का अब भी ग्रामीण पकड़
मजबूरी- नीतीश के बिना पिछड़ा वोट का खतरा (अकेले RJD को नहीं रोक सकते)
ग्राउंड रिर्पोट
- कुछ विश्लेषकों के अनुसार, की BJP JDU गठबंधन 2025 ‘राजनीतिक गणित की मजबूरी’ है।
- दूसरी राय है कि BJP अभी भी नीतीश को ‘वोट ट्रांसफर मशीन’ मानती है, खासकर ग्रामीण और महिला मतदाताओं में।
- वहीं, JDU को RJD से मुकाबले में बीजेपी ही एकमात्र सहारा लगती है।
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