बिहार चुनाव 2025 : क्या चिराग पासवान फिर बदलेंगे सियासी गणित?

बिहार चुनाव 2025: चिराग पासवान की नई चालें
“बिहार चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, चिराग पासवान की चुप्पी और उनकी रणनीति चर्चा में है…”
आपको बता दे कि लोकसभा में चिराग की LJP (रामविलास) NDA समर्थित है, “हालांकि विधानसभा में उन्होंने पत्ते नहीं खोले”।
देखना यह है कि उनका बढ़ता क्रेज और वोटबैंक किसकी गणित बिगड़ेगा?
- ना NDA के साथ खुले तौर पर
- ना ही विपक्ष के साथ
- खुद को एक मजबूत विकल्प बनाने की कोशिश में?
NDA बनाम INDIA कौन किस पर भारी?
चिराग पासवान: विरासत, विचार और विवाद
आज चिराग का बिहार की राजनीति में नाम उनके पिता रामविलास पासवान की देन है, लेकिन अब चिराग बिहार नहीं देश की राजनीति में उभरता हुआ सितारा है।
- देश का ऊर्जावान और युवा प्रभावित चेहरा।
- युवाओं में उनकी लोकप्रियता का काफी क्रेज।
- “बिहार फर्स्ट”, “बिहार फर्स्ट” अभियान से देश में काफी चर्चा बटोरी।
- सोशल मीडिया पर भारी संख्या में प्रभाव
फिलहाल बिहार में चिराग पासवान का वर्चस्व बढ़ता दिख रहा है, पिछले लोकसभा चुनाव में चिराग की लोजपा (रामविलास) से NDA समर्थित 5 सांसदों के साथ दिल्ली में पहुंचे।
जानिए मुस्लिम वोटर का झुकाव इस बार कहा
सांसद का नाम | संसदीय क्षेत्र | राज्य |
चिराग पासवान | जमुई | बिहार |
वीणा देवी | वैशालीपुर | बिहार |
प्रिंस राज | समस्तीपुर | बिहार |
चंदन सिंह | नवादा | बिहार |
हालांकि लोजपा के 5 सांसद थे पर चाचा (पशुपति पारस) ने राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी बनाई और अलग हो गए।
चिराग पासवान: किंगमेकर या दावेदार
जानिए: चिराग बनाम तेजस्वी कौन है असली दावेदार
चिराग पासवान सिर्फ नुकसान करने नहीं बल्कि मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए संघर्ष करेंगे।
वे चाहेंगे कि या तो सीएम पद के दावेदार बने, या फिर NDA के साथ बिहार में नए दावेदार बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे ।
- हालांकि उन्होंने पिछले वि°स चुनाव लड़ा, जिसमें एक भी सीट तो नहीं जीत पाए लेकिन जेडीयू को काफी हद तक नुकसान पहुंचाया।
- अगर बिहार चुनाव 2025 में बहुमत की सीटे आती है, तो निश्चित सीएम चेहरा बनेंगे।
अब देखना यह है कि चिराग पासवान का अगला कदम क्या होगा, सिर्फ समीकरण बिगड़ेंगे या बिहार को नया शासन मिलेगा?
बिहार फर्स्ट” से लोजपा (रामविलास) को मिली नई पहचान
चिराग पासवान का यह नारा देश में चर्चित है, बिहार फर्स्ट बिहार फर्स्ट, यह युवाओं में जोश, प्रेरणा और पढ़े लिखे तबके के लोगों में जोश भरता है।
चिराग पासवान ने ये नारा नीतीश सरकार के खिलाफ 2020 में लगाया था जिसके बाद वे देश में चर्चित हुए।
आज 2025 में उन्होंने इस नारे को डिजिटल रूप से मजबूती देना शुरू कर दिया है।
- डिजिटल प्रचार – उन्होंने सोशल मिडिल के माध्यम से बिहार विकास फोटो और ग्राफिक निकाली।
- जनसभाएं और धरातल पर युवाओं के साथ जुड़ाव।
- उनके मुख्य मुद्दे:
- बेरोजगारी
- पलायन रोकना
- शिक्षा में सुधार
- गरीबी
NDA से दूरी, मोदी से नजदीकी – क्या यही है असली पॉलिटिक्स?
चिराग पासवान बिहार में चल रही जेडीयू की NDA सरकार के बिल्कुल खिलाफ चलते है पर खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताते हैं और
शुरुआत से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चिराग पासवान के रिश्तों में मिठास है उनके पिता रामविलासजी भी मोदीजी के साथ काम कर चुके हैं चिराग उन्हें अपना अड़ियल मानते हैं।
क्या चिराग सवर्ण वोटर के बनेंगे नए विकल्प
- चिराग पासवान के खुले मंच पीएम मोदी को लेकर दिए बयान
- “मैं मोदीजी का भक्त हूं” –
- मेरे DNA में NDA का खून है पर नीतीश कुमार के साथ गठबन्धन करना नामुमकिन।
चिराग पासवान लगातार मोदी को “विकास पुरुष” और “दलितों के सच्चे हितैषी” कहते आए हैं।
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