साइप्रस : चीन की चालों पर भारी भारत और G7 का IMEC प्लान

भारत विश्व में व्यापार के क्षेत्र की बुलंदियों को तेजी से छू रहा है। इस के संदर्भ में पीएम मोदी साइप्रस पहुंचे और यूरोप के साथ अच्छे रिश्ते बनने के अनुमान लगाए जा रहे है, कनाडा, क्रोसिया और साइप्रस की यात्रा पर आज रवाना होंगे पीएम मोदी, G7 शिखर सम्मेलन में लेंगे हिस्सा।
भारत के साथ विश्व के सभी विकसित देशों और G7 का समर्थन है।
चीन बनाम भारत
Belt and Road Initiative (BRI) रूट से चीन लगातार दुनिया में अपना नाम बना रहा है। वो गरीब या ताकतवर देशों में सड़कें, रेल और पोर्ट बनाकर उन्हें कर्ज़ कर्ज में ले आता है और राजनीतिक दबाव बनाता है। लेकिन अब भारत ने इसका एक शांत, समझदारी भरा और भरोसेमंद जवाब दिया है – IMEC, यानी India–Middle East–Europe Economic Corridor।
भारत का उद्देश्य
1. IMEC को ताकत और बढ़ावा देना
IMEC एक प्रकार की परियोजना है जिसमें बंगाल खाड़ी और यूरोप को रेलवे, पोर्ट, अरण्य तरीके से भारत से जोड़ता है। उसे सिलसिले में पीएम मोदी साइप्रस पहुंचे और राष्ट्रपति ने कोर्स के साथ में इन विषय पर गंभीर चर्चा की।
रेल नेटवर्क
- एक देश देश से दूसरे देश में सामान आदि ले जाना आसान ।
- इससे लागत कम होगी।
- विश्व के व्यापार में भारत की अच्छी पकड़
पोर्ट का जुड़ाव
- भारत का निर्यात यानी एक्सपोर्ट बढ़ेगा
- पोर्ट के शहरों का तेज विकास और व्यापार में बढ़त होगी।
- भारत की वैश्विक पहचान बढ़ेगा।
ऊर्जा पाइपलाइन
- समय की बचत और कम खर्च।
- ऊर्जा की कीमत कम हो।
- युद्ध तूफान जैसे अन्य संकटों में तेल पाइपलाइन से सप्लाई।
- भारत ग्रीन एनर्जी में भी ग्लोबल लीडर बन सकेगा।
डिजिटल कॉरिडोर
- इंटरनेट की स्पीड तेज और डाटा कनेक्शन।
- डिजिटल व्यापार को बढ़ावा।
- आइटी और नेटवर्किंग सेक्टर के युवाओं को रोजगार मिलगा।
अनुमानित फायदा
व्यापार में गति
- यूरोप और मिडल ईस्ट देशों में भारत का माल सीधा पहुंचेगा
- जितना एक्सपोर्ट बढ़ेगा, इतनी कमाई होगी
चीन को जवाब
- भारत का नेटवर्क बढ़ाने से चीन कमजोर होगा।
- विश्व में भारत तकनीकी मामले में चीन से आगे बढ़ रहा है।
ऊर्जा
- संतुलन और स्थिरता रहेगी।
- ऊर्जा से ट्रांसपोर्ट और इंटरनेट के नए विकल्प खुलेंगे।
रोजगार और व्यापार
- रेल, पोर्ट, पाइपलाइन और डिजिटल नेटवर्क में देश के कई युवाओं को रोजगार मिलेगा।
- इसका व्यापार पर भी अच्छा असर पड़ेगा।