G7 सम्मेलन 2025 : भारत की विदेश नीति की जीत!

G7 सम्मेलन 2025 के मंच पर भारत
इटली में आयोजित G7 के सम्मेलन में भारत की भूमिका:
- G7 में भारत की उपस्थिति आम बात नहीं है, विश्व में उभरता हुआ विकसित देश है “बल्कि” नीतियों में भी आगे बढ़ रहा है।
- पीएम मोदी का इस सम्मेलन में भाग लेने का मकसद विदेश नीतियों में अपनी हिस्सेदारी देना था।
- विश्व में भारत को नई पहचान मिली जो आने वाले समय में मजबूती देने में अहम होगा।
- भारत के पीएम ने विश्व के कई देश जैसे एशिया, अफ्रीका के सपनो को भी बयां किया और उनकी जरूरतों को रखा।
- विश्व के सभी देशों ने भारत को ताकतवर देशों में गिना और चीन बढ़ते प्रभाव को कम करने का सहारा माना।
मोदी की विदेश नीति से भारत को यह मिला

भारत G7 का हिस्सा बनेगा
G7 यानी (सात विकसित देशों का समूह) जिसमें :
- अमेरिका
- ब्रिटेन
- फ्रांस
- इटली
- जर्मनी
- इटली
- कनाडा
“हालांकि”फिलहाल भारत इसका हिस्सा नहीं है लेकिन, 2025 के G7 सम्मेलन में भारत को विशेष आमंत्रण दिया गया था।
पीएम मोदी ने G7 के मंच पर भारत की सभी आधुनिक जरूरत को खुलकर कहा, जिसपर G7 की पॉजिटिव प्रतिक्रिया रही, यह अच्छे संकेत है।

पीएम मोदी के मुद्दे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में G7 के मंच पर भाषण देते हुए यह 5 बाते रखी:
- पीएम मोदी ने कहा कि विश्व के विकासशील देशों जरूरत और समस्याएं G7 के मंच पर प्राथमिकता बननी चाहिए।
- पीएम मोदी ने पाकिस्तान और चीन को टार्गेट करते हुए “कहा कि कई देश आतंकवाद को ‘राज्य नीति’ की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं, उन पर कार्यवाही हो।
- भारत का जलवायु परिवर्तन से निपटने को लेकर सटीक रुख – सभी विकसित देश जिम्मेदारी ले और फंडिंग करे।
- विश्व में AI के बढ़ते प्रभाव पर भारत भी जुड़ना चाहता है ग्लोबल लीडर की चाह रखता है। पीएम मोदी ने टेक्नोलॉजी के नैतिक इस्तेमाल की मांग को रखा।
- भारत को एक लोकतांत्रिक और सांस्कृतिक तौर पर एक अच्छा नेतृत्व कर्ता बताया।
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