NDA विवाद : सीट शेयरिंग को लेकर घमासान

NDA विवाद : सीट बंटवारे को लेकर घमासान

NDA विवाद : सीट शेयरिंग को लेकर घमासान

सीट शेयरिंग विवाद NDA में

पृष्ठभूमि:

NDA में इस समय मुख्य दल हैं:

  • BJP (भारतीय जनता पार्टी)
  • JDU (जनता दल यूनाइटेड) – नीतीश कुमार की अगुवाई में
  • HAM (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) – जीतनराम मांझी
  • RLJP (रालोजपा) – पशुपति पारस गुट
  • और छोटे सहयोगी दल

NDA बनाम INDIA कौन किस पर भारी

विवाद की मुख्य वजहें:

  1. BJP की बढ़ती महत्वाकांक्षा

BJP चाहती है कि वह अधिक सीटों पर चुनाव लड़े, क्योंकि 2020 में वह JDU से बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी।

  • 2020 में BJP ने 74 सीटें जीती थीं, जबकि JDU को सिर्फ 43 सीटें मिली थीं।
  1. नीतीश कुमार की “CM फेस” स्थिति

नीतीश कुमार भले ही BJP से छोटे दल के नेता हों, लेकिन वो NDA के सीएम चेहरे हैं। BJP का एक धड़ा इस स्थिति से संतुष्ट नहीं है और मुख्यमंत्री पद पर दबाव बना रहा है।

  1. छोटे दलों की हिस्सेदारी का संकट

HAM, RLJP जैसे छोटे दल भी 5–10 सीटों की मांग कर रहे हैं। क्योंकि सरकार बनाने में या गिरने में छोटे दलों की अहम भूमिका होती है, इससे इनकी उलझन बढ़ी।


अंदरूनी खींचतान

BJP चाहती है कि वह कम से कम 150+ सीटों पर लड़े।

  • JDU 100+ सीटें चाहती है।
  • छोटे दलों को भी 15–20 सीटें चाहिए।

NDA घुट का यह टकराव सुलझा नहीं, तो NDA में अंदरूनी बगावत या ‘बागी उम्मीदवार‘ का खतरा मंडरा सकता है।


संभावित असर

जनता के बीच संदेश जाएगा कि NDA में एकता नहीं है।

जिसके बाद विपक्ष यानी INDIA गठबंधन को हमला और काउंटर अटैक करने का मौका मिलेगा।

सीटों के बंटवारे को लेकर टकराव से NDA को नुकसान हो सकता है, जैसे 2015 में हो चुका है।


भले ही NDA की चुनावी मशीनरी मजबूत हो, लेकिन सीट शेयरिंग विवाद अगर समय पर नहीं सुलझा, तो आंतरिक कलह गठबंधन को भारी पड़ सकती है।

यह छोटी सी उलझन काफी हद तक बिहार की सियासत पलट सकती है और विपक्ष को फायदा भी हो सकता है।

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