ईरान इजराइल : तबाही
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ईरान ईज़राइल युद्ध : तबाही

विश्व स्तर पर दो देश ईरान और इजरायल के बीच जंग छिड़ गई है। दोनों देशों ने एक दूसरे पर परमाणु बम और एयर स्ट्राइक कर तबाह करने का निर्णय कर लिया है।

शुरुआत में इजरायल ने ईरान के सैनिक अड्डों पर परमाणु अटैक कर कई ठिकाने उड़ा दिए, जवाबी हमले में ईरान ने मिसाइल से हमला कर दिया।

युद्ध का कारण

युद्ध की शुरुआत हालांकि इजरायल ने की है, जिसकी मुख्य वजह ये बताई गई है।

  1. इजरायल ने कहा कि ‘ हमे ईरान ईरान पर शक है की ये गुप्त रूप से परमाणु बम बना रहा है ‘।
  2. इजराइल को डर है की परमाणु बम बनने के बाद ईरान उस पर अटैक करेगा।
  3. इसलिए इजराइल ने ईरान के सैन्य ठिकानों को तबाह करने का मन बनाया।

जिसमें बहुत हद तक दोनों देशों में भारी तबाही ओर नुकसान हो चुका है, जो रुकने का नाम नहीं ले रहा।


ईरान इजराइल : तबाही

ऑपरेशन लाइट शिल्ड

क्या है इजराइल का ऑपरेशन लाइट शिल्ड का मतलब ओर क्या है उद्देश्य:;

  1. “Light shield” जिसे आसान शब्दों में iron beam कहा जाता है , यह इजराइल का तकनीकी लेज़र लाइट सिस्टम है।
  2. यह छोटे मोटे ‘ ड्रोन, रॉकेट, मोर्टार का सामना करने के हिसाब से डिजाइन किया है।
  3. यह शिल्ड हवा में ही इन छोटी मिसाइलों को खत्म कर देती है
  4. इसकी कवरेज 8-10 है, ओर इतनी दूरी से हमला करने की ताकत है।
  5. यह इजराइल की सुरक्षा की पांचवीं परत मानी जाती है।

कम खर्च, ज्यादा सुरक्षा: जहां एक मिसाइल इंटरसेप्टर की लागत लाखों डॉलर हो सकती है, वहीं लेज़र से हमला करना केवल कुछ डॉलर में संभव है।


युद्ध की ताजा स्थिति

इजराइल द्वारा

  1. 13, जून ऑपरेशन राइजिंग लायन के नाम से इजराइल ने ईरान पर अटैक किया।
  2. ईरान के 200 फाइटर जेट, परमाणु ठिकाने और आर्मी बेस के ठिकाने खत्म कर दिए।
  3. जिसमे 80+ सैनिक और वैज्ञानिकों की जान चली गई है।

ईरान द्वारा जवाब

  1. ईरान ने उसी रात 100से ज़्यादा मिसाइल जवाबी हमले में छोड़ी
  2. कुछ मिसाइलें शहरों में पहुंच गई जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई और दर्जनों घायल हुए।
  3. इजराइल की iron dome ने हवा में ही ईरान की मिसाइलें नष्ट कर दी, जिससे ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।

अनुमान

  1. यहां युद्ध धीरे-धीरे बीच के देशों में पहुंच सकता है।
  2. जिसकी वजह से लेबनान, गाजा, सीरिया जैसे देशों में चिंता और तनाव बढ़ा।
  3. दोनों देश इजराइल ओर ईरान, के बीच समझौते को लेकर कोई बात नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र (UN) और G7 देशों ने युद्ध रोकने और समझौते की अपील की।


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