मणिपुर हिंसा: अरामबाई तेंगोल ने फिर मचाया तांडव

मणिपुर हिंसा की पहली झलक कुकी आदिवासी समुदाय और इंफाल घाटी में बसी मईती समुदाय के बीच 2023 में देखने को मिली थी।
मईती समुदाय खुद को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिलवाने की मांग कर रहा है, जिसे कुकी समुदाय ने सिरे से खारिज कर दिया।
इस लड़ाई में अरामबाई तेंगोल, जिसे मईती समुदाय के नेताओं का साथ एवं समर्थन है।
पूर्व में हुई आगजनी, हिंसा भड़काने और खुलेआम हथियार चलाने के गंभीर आरोप है।
ताजा हालात बिगड़ने का कारण

मईती नेता की गिरफ्तारी
7 जून 2025 को CBI ने अरामबाई तेंगोल से जुड़े विधायक कानन सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
उन पर 2023 की मणिपुर हिंसा में:
- हिंसा फैलाने
- गैरकानूनी हथियार इस्तेमाल
- भीड़ को भड़काने के गंभीर आरोप
हिंसा का ताजा असर
विधायक की गिरफ्तारी के बाद अरामबाई तेंगोल के समर्थक सड़कों पर उतरे।
- गाड़ियां, बसे ओर दुकानें जलाई।
- सड़के ब्लॉक की।
- पेट्रोल से खुद को जलाने की कोशिश।
जिसके बाद मामला बिगड़ने पर सरकार ने 5 जिलों में कर्फ्यू लगाया। ओर राज्य में इंटरनेट सुविधा बंद करदी, ताकि अफवाह न फैले।
सेना बल का उपयोग
बढ़ती हिंसा हो को रोकने के लिए CRPF और CAPF की सेना बल को तैनात किया।
स्थिति खराब होने के बाद सेना ने आसू गैस के गोलों का प्रयोग करना पड़ा। जिसके बाद सेना और हिंसको के बीच टकराव की स्थिति दिखी।
विपक्ष का आरोप
कांग्रेस नेता राहुल गांधी केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरते हुए यह सवाल उठाए।
मणिपुर हिंसा पर मोदी जी चुप क्यों हैं, वहाँ क्यों नहीं गए, क्या मणिपुर भारत नहीं?
2023 में घटी मणिपुर घटना
कुकी आदिवासी समुदाय ने 3 मई 2023 को अपनी मांगो को लेकर “Tribal Solidarity March” रैली निकाली। जिसमें मईती समुदाय को ST (जनजाति समुदाय) को जोड़ने का विरोध किया जिसमें दोनों समुदाय के बीच झड़प हो गई।
अरामबाई तेंगोल पर (3 मई) उसी रात को हथियार के साथ गांव के गांव तबाह करने के आरोप है
- 260+ लोग मारे गए
- 400+ से ज्यादा बस्तियां और चर्च जलाए,
- लगभग 50,000 से ज्यादा लोग बेघर हो गए।
राज्य में कई महीनों तक तनाव का माहौल रहा, “जिसके” बाद 5 महीने नेट बंद रहा और सेना का सहारा लेना पड़ा।
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