बागीदौरा में उपचुनाव की अटकलें तेज

यह था मामला
बीते कुछ दिनों पूर्व राजस्थान की सियासत में पहली बार अपने आप को तीसरी सबसे बड़े पार्टी कहने वाली बाप यानी भारत आदिवासी पार्टी के बागीदौरा विधायक जय कृष्ण पटेल ACB द्वारा 20 लाख की रिश्वत लेते अपने सरकारी आवास पर रंगे हाथों पकड़े गए थे, जिससे एक बार फिर बागीदौरा में उपचुनाव की अटकलें तेज होती दिख रही।

11 महीनो में ही उपचुनाव
जयकृष्ण पटेल पिछले वर्ष 11 महीनो पहले ही चुने गए थे। लोकसभा चुनाव 2025 में वहां के वर्तमान विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीया ने इस्तीफा देते हुए, लोकसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया, जिससे वह सीट खाली हुई और लोकसभा के साथ ही उपचुनाव कराया गया, जिसमें पटेल ने जीत हासिल की थी।
BAP सुप्रीमो रोत का दावा
वही बात करें तो बाप पार्टी के सांसद राजकुमार रोत ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए यह दावा किया है कि, उनके विधायक को साजिश के तहत फसाया जा रहा है, पर सभी सबूत विधायक पटेल के खिलाफ है उनकी पार्टी के नेताओं ने कमेटी का गठन किया था और इस बात की तह तक पहुंचाने की कोशिश भी की थी,मगर सभी सबूत विधायक के खिलाफ हैं।
फर्जी डिग्री करायेगी खेल
जय कृष्णा पटेल विधायक बनने से पहले डूंगरपुर के छोटा डोगरा विद्यालय में शिक्षक रह चुके हैं।जांच के बाद यह सामने आया है कि, उन्होंने एक ही सेशन में तीन अलग-अलग राज्यों से डिग्री की स्नातक प्राप्त की है, जो फर्जी निकली जिससे उनकी विधायकी खतरे में है। कोर्ट के आदेश के बाद विधायकी जाने की संभावना है, और दोबारा बागीदौरा में उपचुनाव की अटकलें तेज हो रही है।
स्पीकर वासुदेव देवनानी की कार्यवाही
राजस्थान विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी का कहना है की सदन की शर्तों के अनुसार यह कदापि अनुकूल नहीं है, पटेल ने जो किया है वह राजस्थान के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है, अगर उन्हें रिलीव दिया तो जनता में गलत संदेश जाएगा।
यह सदाचार कमेटी तय करेगी कि पटेल पर क्या कार्रवाई की जाए, क्योंकि राजस्थान की गरिमा पर पहली बार ऐसे कृत्य पर सवाल उठ रहे हैं, यह वासुदेव देवनानी ने कहा। तो इससे माना जा रहा है कि पटेल की विधायकी जाने की पूरी संभावना है ओर एक दोबारा 11 महीनो में ही बागीदौरा में उपचुनाव की अटकलें तेज।