क्या जा सकती है पटेल की विधायकी

क्या जा सकती है पटेल की विधायकी

राजस्थान का घूसखोर विधायक फर्जी डिग्री से बना था टीचर

क्या जा सकती है पटेल की विधायकी

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जानिए

राजस्थान  के बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र से भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के विधायक जयकृष्ण पटेल को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था, जांच के बाद विधायक पटेल फर्जी डिग्री से बना था टीचर एक ही सेशन में तीन राज्यो से की BA, 12वी में दो बार फैल, इसपर जांच जारी है, ऐसे में विधायक की जमानत रद्द होना यह दर्शाता है कि पटेल की विधायकी खतरे में।

मामला क्या है?

ACB के अनुसार, जयकृष्ण पटेल ने एक खनन व्यवसायी से विधानसभा में खदान से जुड़े तीन प्रश्न हटवाने के एवज में 10 करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग की थी। बातचीत के बाद यह सौदा 2.5 करोड़ रुपये में तय हुआ। पहली किश्त के रूप में 1 लाख रुपये पटेल को बांसवाड़ा में दिए गए थे। इसके बाद, 20 लाख रुपये की दूसरी किश्त जयपुर स्थित विधायक आवास पर दी जानी थी। ACB ने इस दौरान ट्रैप ऑपरेशन चलाया और पटेल को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

गिरफ्तारी और सबूत

गिरफ्तारी के दौरान पटेल ने नकदी से भरा बैग अपने निजी सहायक रोहित मीणा को सौंप दिया, जो मौके से फरार हो गया। बाद में ACB ने यह राशि जयपुर के एक लॉन में जमीन के नीचे दबा हुआ बरामद किया। ACB के पास ऑडियो, वीडियो और फोटोग्राफिक सबूत हैं, जिनमें पटेल को रिश्वत लेते हुए दिखाया गया है।

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फर्जी डिग्री से शिक्षक बनने का मामला

विधायक जयकृष्ण पटेल पर आरोप है कि उन्होंने एक ही सत्र में तीन राज्यों—सिक्किम, गुजरात और राजस्थान—से बैचलर ऑफ आर्ट्स (BA) की डिग्री प्राप्त की। इन डिग्रियों को उन्होंने शिक्षक बनने के लिए प्रस्तुत किया। विशेष जांच दल (SOG) की जांच में यह पाया गया कि इन डिग्रियों में कई अनियमितताएँ थीं, जैसे कि बैकडेट में जारी की गई डिग्रियाँ और विश्वविद्यालयों के रिकॉर्ड में गड़बड़ियाँ। इससे यह स्पष्ट होता है कि पटेल ने फर्जी डिग्रियों के आधार पर सरकारी नौकरी प्राप्त की।

 प्रधानमंत्री आवास योजना में धोखाधड़ी

पटेल पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपने पुश्तैनी मकान के लिए अनियमित रूप से भुगतान लिया, जबकि वे उस मकान के मालिक नहीं थे। इसके अलावा, उन्होंने अपनी दादी के नाम पर भी एक और मकान के लिए योजना के अंतर्गत भुगतान उठाया। इससे यह सिद्ध होता है कि उन्होंने सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग किया।

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राशन कार्ड और शपथ पत्र में भेदभाव

पटेल ने राशन कार्ड में स्वयं को विवाहित बताया, जबकि शपथ पत्र में अविवाहित घोषित किया, वहीं उन्होंने अपने राशन कार्ड में डिंपल नाम की युवती बताई,इससे उनके दस्तावेजों की सच्चाई पर सवाल उठते हैं और यह दर्शाता है कि उन्होंने जानबूझकर भ्रामक जानकारी दी।

कानूनी कार्रवाई और राजनीतिक प्रतिक्रिया

विशेष भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय ने पटेल की जमानत याचिका खारिज कर दी है, यह कहते हुए कि उनकी रिहाई से समाज में गलत संदेश जाएगा और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कमजोर होगी। इस मामले में कांग्रेस नेता गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि “मोदी का दिया सिंदूर हमारी बहनें नहीं लगाएंगी”। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी और कांग्रेस मिलकर BAP पार्टी को खत्म करना चाहती हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

भारत आदिवासी पार्टी के संयोजक राजकुमार रोत ने कहा है कि यदि पटेल की संलिप्तता साबित होती है, तो पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। वहीं, कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने इसे राजनीतिक साजिश बताया है और जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।


निष्कर्ष

यह मामला राजस्थान में राजनीतिक भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। ACB की इस कार्रवाई ने राज्य में पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक मजबूत संदेश दिया है।

राजस्थान के बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक जयकृष्ण पटेल पर फर्जी डिग्री से शिक्षक बनने और सरकारी योजनाओं में धोखाधड़ी करने के गंभीर आरोप लगे हैं। उनकी शैक्षणिक योग्यता को लेकर भी सवाल उठे हैं। https://samachar19.com/


 

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