अमेरिका ईरान हमला : भारत पर क्या असर

ट्रंप के दावे से मचा हड़कंप
Trump iran attack: अमेरिका ने ईरान पर हमला किया – भारत पर क्या असर पड़ेगा?
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिका ने ईरान के तीन बड़े परमाणु ठिकानों – Fordow, Natanz और Isfahan – पर हमला किया है।
हालांकि बाइडेन सरकार ने इसकी पुष्टि नहीं की है, लेकिन सैटेलाइट तस्वीरें और ईरानी प्रतिक्रिया से हालात गंभीर लग रहे हैं।
इस घटनाक्रम का असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। भारत पर भी असर होगा – कच्चे तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं, शेयर बाजार में गिरावट आ सकती है और विदेश नीति को लेकर नई चुनौतियां सामने आ सकती हैं। भारत को संतुलित और शांतिपूर्ण रवैया अपनाना होगा।
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भारत के तेल बाजार पर क्या असर होगा
भारत अपने जरूरत के हिसाब ईरान द्वारा लगभग 85% तेल खरीदता है। अमेरिकी प्रतिबंध के कारण ईरान से आयत कम कर दिया था, लेकिन ईरान अब भी भारत के लिए एक अच्छा सप्लाई का माध्यम है।
ईरान पर हुए हमले के बाद कीमतें आसमान छूने की पूरी संभावन हैं। कच्चे तेल की अनुमानित कीमत लगभग $100 प्रति बैरल हो सकती है। इसका असर भारत के बाजार पर:
पेट्रोल और डीजल ₹130–₹150 प्रति लीटर बढ़ सकती है।
ट्रांसपोर्ट कम और महंगा होगा, जैसे खाद्य सामग्री भी महंगी होगी।
गैस सिलेंडर बढ़कर ₹1500 पार की संभावना।
भारत का शेयर बाजार और आर्थिक आधार
इसे समय में निवेशक पूरी तरह तनाव में होते है, कई बार ज्यादा निवेश की वजह से घबराहट होती है, बाहरी निवेशक अपने पैसे निकालने की सोच लगाते है।
निफ़्टी और सेंसेक्स में लगभग 1000- 1500 पॉइंट गिरावट की संभावना है
जिससे बैंकिंग पर असर होगा।
ऑटो साधन की कीमत में बढ़ोतरी संभव है।
रुपया कमजोर और सोने का भाव महंगा हो सकता है।

रुपये पर दबाव
कभी भी अमेरिका और बिचके देशों में संकट होता है, मतलब “डॉलर बढ़ता है और रुपया घटता है। फिलहाल रुपया ($1=83 रुपया) के आस-पास है। अगर तनाव और बढ़ा, तो यह ₹85–₹88 तक जा सकता है।
जिससे विदेशी शिक्षा और यात्रा काफी महंगी होगी।
जिससे जरूरत की चीज महंगी होगी जैसे
- मोबाइल या गैजेट
- पेट्रोल और डीजल
- दवाईयां
चाबहार पोर्ट और रणनीतिक प्रोजेक्ट्स पर असर
ईरान में चाबहार पोर्ट पर भारत ने बहुत भारी निवेश किया है, ताकि अफगानिस्तान और मध्य एशिया का व्यापारिक तौर पर जुड़ाव हो।
ईरान में युद्ध का वातावरण बना तो:
चाबहार प्रोजेक्ट बंद हो सकता है
जिससे ईरान, अफगानिस्तान, और मध्य एशिया के साथ जुड़ाव खत्म हो जाएगा और गलत असर होगा।
चीन को फायदा मिल सकता है क्योंकि वो ग्वादर पोर्ट (पाकिस्तान) में पहले से मौजूद है
विदेश नीति की चुनौती
भारत को एक जटिल कूटनीतिक स्थिति का सामना करना पड़ेगा ।
भारत अगर अमेरिका के साथ खड़ा हुआ तो, “रूस और ईरान” के रिश्तों में खटास आ सकती है।
ओर ईरान के साथ खड़ा हुआ तो अमेरिका नाराज़ होगा।
भारत को दोनों पक्षों को समान रूप से तोलना होगा जिससे, रिश्ते खराब भी न हो और पक्षपात भी नहीं हो।
आतंकवाद और सुरक्षा खतरे
भारत पर एसे समय में मजबूत सेंटर-पूर्व देश हावी होकर आतंकी हमले कर सकते है
बड़े शहर जैसे – मुंबई, दिल्ली में अलर्ट रखने की संभावना।
हवाई अड्डे, पोर्ट और तेल रिफाइनरी जैसे इलाको में भारी सुरक्षा की जाएगी।
सोशल मीडिया अफवाहें ओर साइबर सुरक्षा पर ध्यान बढ़ाना पड़ेगा
भारत को क्या करना चाहिए?
संयुक्त राष्ट्र, BRICS, SCO, और G20 की सलाह लेकर आगे कदम बढ़ाना चाहिए।
तेल की सुविधा: भारत को सऊदी अरब, यूएई, और रूस से तेल की डिमांड पहले की कर देनी चाहिए।
रणनीतिक रिजर्व का इस्तेमाल: तेल की सप्लाई को कुछ समय के लिए लगाम लगानी चाहिए
ट्रंप के इस बयान ने विश्व में हलचल पैदा कर दी है। अगर अमेरिका ईरान युद्ध होता है, तो भारत को हर तरफ से नुकसान झेलना पड़ सकता है, इसलिए इस विचार विमर्श से कड़े फैसले लेने की जरुरत है।
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