सवर्ण वोट : किसे मिलेगा 2025 में

बिहार ने सवर्ण समुदाय को भारत की पारंपरिक उच्च जातियों में गिना जाता है। बिहार की राजनीति में इनका खास प्रभाव है, भले ही इनकी संख्या कुल आबादी में कम हो लेकिन सवर्ण वोट प्रभावी।
- सवर्ण जाति का बटवारा और अनुमानित %
- ब्राह्मण लगभग 4%
- क्षत्रिय-राजपूत लगभग 4-5 %
- भूमिहार लगभग 4%
- कायस्थ लगभग 1%
सभी को मिलाकर बिहार में सवर्ण समुदाय की संख्या बिहार की जनसंख्या में लगभग 13-14% है
जानिए बिहार की जातीय समीकरण 2025
परंपरागत समर्थन
बिहार की राजनीति में सवर्ण समुदाय – जिनमें प्रमुख रूप से ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत, कायस्थ शामिल हैं – को हमेशा से BJP का स्थायी और मजबूत वोटर माना जाता रहा है।
इन वर्गों की राष्ट्रीय विचारधारा से नजदीकी और हिंदुत्व की राजनीति में विश्वास के चलते वे भारतीय जनता पार्टी के स्वाभाविक समर्थक बने हुए हैं।
- ब्राह्मण वर्ग बीजेपी के नीतियों और राष्ट्र नेतृत्व से हमेशा प्रभावित रहा।
- भूमिहार में RSS की जड़े फैली हुई है।
- राजपूत समुदाय राष्ट्रहित में नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ जैसे कद्दावर नेताओं का नेतृत्व अब भी पसंद करता है।
- कायस्थ समुदाय शिक्षित और बड़ी श्रेणी तबके से आते है और वे बीजेपी से प्रभावी है।
2014, 2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव में सवर्णों ने बीजेपी को बंपर वोटिंग और समर्थन दिया।
2025 में बदलाव या समर्थन
देखा जाए तो सवर्ण वोट बीजेपी को खुलके मिलते है, लेकिन खेल कुछ ऐसा भी हो सकता है।
असंतोष स्वर
- भूमिहार और ब्राह्मण वर्ग यूं तो बीजेपी का समर्थन मगर नीतीश सरकार शासन में नौकरियों में नियुक्त और स्थानीय निकायों में टिकट वितरण से थोड़े नाराज़ है।
- कुछ क्षेत्रों में राजपूत समुदाय NDA सरकार का सरेआम विरोध कर चुका है।
लेकिन विकल्प नहीं
- सवर्णों के पास भाजपा के अलावा तटस्थ और ताकतवर विकल्प नही।
- RJD और जेडीयू जैसे दलों ने कभी सवर्णों को अपना प्रतिनिधि भी माना न हिस्सा।
- कांग्रेस की स्थिति बिल्कुल कमजोर और उलझन में।
क्या चिराग हो सकते है नए विकल्प?
प्रभाव और गणित
जाति | जनसंख्या | झुकाव |
ब्राह्मण | 4% | बीजेपी |
भूमिहार | 4% | बीजेपी |
राजपूत | 4-5% | बीजेपी कुछ अन्य |
कायस्थ | 1% | बीजेपी |
- बिहार में सवर्णों के 13-14% वोट लगभग 40-45 सीटों पर प्रभावित होती है।
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