बिहार : छोटे दलों की भूमिका

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक है और राजनीतिक हलचल तेज हो चुकी है।
इस चुनाव में सिर्फ बड़े दल जैसे BJP, RJD, JDU या कांग्रेस ही नहीं, बल्कि छोटे दल भी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
खासकर VIP और AIMIM जैसे दल सीमित संसाधनों के बावजूद चुनावी समीकरण को प्रभावित करने की ताकत रखते हैं।
NDA बनाम INDIA कौन किस पर भारी?
VIP पार्टी की भूमिका क्या है?
बिहार की VIP पार्टी के नेता मुकेश सहनी खुद को “सोन ऑफ मल्लाह” कहते हैं।
2020 में VIP ने NDA के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और 4 सीटें जीती थीं। बाद में BJP से अलग हो गई।
आने वाले चुनाव में VIP पार्टी के चुनाव में किसके साथ खड़ी रहेगी यह तय नहीं है, पर यह पार्टी को नुकसान जरूर पहुंचाएगी।
2020 का प्रदर्शन:
2020 में VIP ने NDA गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा और 4 सीटें जीतीं। इन सीटों ने एनडीए को बहुमत दिलाने में मदद की।
2025 की रणनीति:
यह पार्टी किसी गठबंधन से जुड़ती है, तो वह गठबंधन निषाद वोट को जोड़ सकता है।
अगर VIP अकेले लड़ेगी, तो यह RJD और BJP दोनों के वोट बैंक में सेंध लगा सकती है।
AIMIM क्यों है महत्वपूर्ण?
AIMIM, जिसके नेता हैं असदुद्दीन ओवैसी, ने 2020 में सीमांचल क्षेत्र बिहार में 5 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया था।
पार्टी का असर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में है – खासकर किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया में।
2025 में AIMIM अगर अलग चुनाव लड़ेगी, तो यह INDIA गठबंधन के लिए परेशानी का कारण बन सकती है।
छोटे दलों का बड़ा असर कैसे पड़ता है?
ये दल जातीय और क्षेत्रीय वोट बैंक को प्रभावित करते हैं।
बड़े गठबंधन को सीटों में नुकसान हो सकता है अगर तालमेल न हो।
VIP और AIMIM जैसे दल किंगमेकर की भूमिका में आ सकते हैं।
बिहार चुनाव 2025 में VIP और AIMIM जैसे छोटे दल, सीमित सीटों के बावजूद, बहुत बड़ा असर डाल सकते हैं।
अगर किसी भी गठबंधन ने इन्हें नजरअंदाज किया, तो वह महंगा साबित हो सकता है। इसीलिए छोटे दलों की रणनीति पर नजर रखना जरूरी है।